माँ
माँ
जब तक आपने कुछ लिखा नहीं..
एहसास किसी को दिखा नहीं..!
ये मतलब की दुनिया है साहब..
जो ठोकर खाकर भी सीखा नहीं..!!
एक माँ ही है इस दुनिया में जिसे..
बिना लिखे ही सब कुछ दिखा..!
उसकी ही कोख में इंसान ने तो..
दुनिया में आकर जीना सीखा..!!
उसके ही आशीर्वाद से मैंने..
कलम से गढ़ना सीखा है..!
तभी तो दुनिया वालों ने हमें..
प्रेम से पढ़ना सीखा है..!!