Kamaldeep Kaur
Drama Inspirational
धुंधला है सफर,
उम्मीद अभी बाकी है।
कोई साथ हो न हो,
परछाई का साथ अभी बाकी है।
रास्ता है चाहे मुश्किल,
हौसलों की उड़ान अभी बाकी है।।
अजीब है दुनिय...
हिम्मत।।
इकरार
जिंदगी बदलती ...
नई शुरुआत, नए...
श्री गुरु अर्...
चाहते हो तो.....
आंसू
नए अरमान सजात...
अभी बाकी है
आंखों में नीर भी कह रहा ये शहर इतना झूठा क्यों है ? आंखों में नीर भी कह रहा ये शहर इतना झूठा क्यों है ?
कि चले जाओ वही जहाँ ये रूह-ए-एहसास, अब रहती नहीं। कि चले जाओ वही जहाँ ये रूह-ए-एहसास, अब रहती नहीं।
लंका में अग्निकांड भी मैं था लंका में अग्निकांड भी मैं था
पुरुष अक्सर मुझसे पूछते हैं, 'तुम्हारी महिला पात्र इतनी पागल क्यों हैं?' पुरुष अक्सर मुझसे पूछते हैं, 'तुम्हारी महिला पात्र इतनी पागल क्यों हैं?'
किसी को प्रेम लिप्त करा दे, और परलोक भिजवा देता पैसा। किसी को प्रेम लिप्त करा दे, और परलोक भिजवा देता पैसा।
महाकाली की क्षुधा अब भी पापियों के रक्त हेतु अशांत है। महाकाली की क्षुधा अब भी पापियों के रक्त हेतु अशांत है।
इस बार सबको अनदेखा कर उनका हाथ थामना जिनको बस अपनों की तलाश है इस बार सबको अनदेखा कर उनका हाथ थामना जिनको बस अपनों की तलाश है
या खुदगर्ज बनके किया खुद से ही प्यार क्या मैं वहां गलत थी ? या खुदगर्ज बनके किया खुद से ही प्यार क्या मैं वहां गलत थी ?
सुबह की खिली हुई धूप का करो,स्वागत इस धूप में मिली हुई है,खुदा की मोहब्बत। सुबह की खिली हुई धूप का करो,स्वागत इस धूप में मिली हुई है,खुदा की मोहब्बत।
आज लहू से मन की गाँठें, धीरे-से खोल रहा हूँ।। आज लहू से मन की गाँठें, धीरे-से खोल रहा हूँ।।
कभी अपने घर में और कभी बेटे बहू के घर में। कभी अपने घर में और कभी बेटे बहू के घर में।
ना जाने क्या है जो मुझे जाने नहीं देता, एक एहसास है जो तुमसे दूर होने नहीं देता। ना जाने क्या है जो मुझे जाने नहीं देता, एक एहसास है जो तुमसे दूर होने नहीं द...
यातनाएं सही तन और मन पर गहरी पीड़ा सही, यातनाएं सही तन और मन पर गहरी पीड़ा सही,
मैं पिरोती जाऊं मोती आस के ना जाने क्यूं धागा फिसल जाता है, मैं पिरोती जाऊं मोती आस के ना जाने क्यूं धागा फिसल जाता है,
चाहे कितना घनघोर अँधेरा छाया है कर्मवीरों ने अमावस को पूनम बनाया है। चाहे कितना घनघोर अँधेरा छाया है कर्मवीरों ने अमावस को पूनम बनाया है।
क्यूँकि वो नाजायज़ था क्यूँकि वो नाजायज़ था
बच्चों को अच्छा इन्सान बनाऐंगे। हर परिस्थिति का सामना करना सिखायेंगे। बच्चों को अच्छा इन्सान बनाऐंगे। हर परिस्थिति का सामना करना सिखायेंगे।
कभी समय मिले तो, घड़ी दो घड़ी, बेटा, मिलने आते रहना। कभी समय मिले तो, घड़ी दो घड़ी, बेटा, मिलने आते रहना।
आपके दोस्त आपसे मिलने के पहले मिनट में आपको बेहतर तरीके से जान पाएंगे, आपके दोस्त आपसे मिलने के पहले मिनट में आपको बेहतर तरीके से जान पाएंगे,
बड़ी भाती थी मुझे माँ और बच्चों की गतिविधियां जैसे मेरी जुड़ चुकी थी उनसे रिश्तेदारियां बड़ी भाती थी मुझे माँ और बच्चों की गतिविधियां जैसे मेरी जुड़ चुकी थी उनसे रिश्त...