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शमशान से पूर्व

शमशान से पूर्व

4 mins
365


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


परिदृश्य हरबार देखा बयां

घूम फिर कर यहीं बात

घुटने पे हाथ रख सयाने

बस यही (मृत्यु) सत्य हैं


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


कितना भी बटोर लो..?

जीवन में हाय हाय कर लो

सच का झूठ, झूठ का सच

अन्त भी यही, कुछ साथ नहीं

सिकंदर भी..........


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


एक बार यही बात फिर

बार बार हाय हाय करते

यही बात बार बार सामने

मृत्यु पश्चाताप साथ नहीं

कुछ साथ नहीं जा सकता 


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


अपने साथ कुछ भी नहीं

रह जायेगा सब कुछ यहीं 

हाल पे छोड़ बन कर्मविहीन

अंतिम सत्य, सत्य मत भिन्न 


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


धन संपदा वैभवपूर्ण सुखी

उठापटक करता जीवन इतनी

सत्य मंच लिख स्वीकार नहीं

विचार बिंदु जहां उत्तर निहित


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


सांसे ले रहे भौतिकतावादी

आदर्श लिखने बोलने अच्छी

स्व की बात सारे आदर्श पिघलते

दशमलव बाद कई शून्य पश्चाताप


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


एक कमरे, एक दरी,

नगण्य इच्छा, जरूरतें

साथ स्वयं स-परिवार

ना गीले ना शिकवे 

अन्तिम सांस संतोष 

जीवन पूर्ण जीवन पूरा


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


आर्थिक सुदृढ़ता रूतबा

उपक्रम-गलत या सही

स्वयं को न्यायोचित लगते

तीखी प्रतिक्रिया विरुद्ध


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


ज्ञानी, कलाकार, साहित्यकार

कवि, गज़लसरा विद्या प्राप्त

उचित सम्मान परंतु यथार्थ

धन संपन्न आदर पीड़ादायक


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


असंतुलित दृष्टिकोण हर क्षेत्र

जनित व्यवहार प्रकट छद्म रूप

ये सत्य है पीड़ादायक व्यवहार


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


उपरोक्त सामाजिक स्थिति 

परिवार विहीन एक अंक 

अविवाहित या विधुर 

विवाहित या अकेला 


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


निकट या प्रिय अनाम-सा

अपरिभाष्य विश्वास 

अप्रतिष्ठित दृष्टिगोचर


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


विवाह से वैवाहिक जीवन

अपने आप कला निभाना

जीवन पयर्त समझदारी

साथ समझौतावादी गुण 


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


क्या संघर्ष घणर्ष बगैर 

जद्दोजहद बिन नहीं

मिलती? जीवन 


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


बीते ज़माने दायरा सीमित

राज्य, समाज, उद्योग धंधे 

चंद ही हाथों पद-प्रतिष्ठा 


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


करते उपयोग दुरुपयोग 

अशिक्षित कहीं न कहीं 

छले ही रहते और जाते


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


पीढ़ी दर पीढ़ी शिक्षा 

अकल्पनीय पे जोर 

बदलाव प्रगति विगत 

दशक आई जबरदस्त 


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


कुशलता साथ शिक्षित 

स्वतः सम्मान प्रति जनक 

बदलता दिखा नजरिया


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


मेहनतकश आंशिक शिक्षित

कम आदर नौकरी उसी स्तर

शिक्षित होना एक पीड़ादायक


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


दिन प्रतिदिन अधिक खर्चीला

नैसगिर्क प्रवीणता अतिरिक्त

धन या सिफारिशों या सहारे 

जरूरत पड़ती आवश्यकता 


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


धन, प्रदर्शन, दूसरों को नीचा

देश, समाज, कुटुंब, प्रतिष्ठा पाने

एक मात्र नहीं लक्ष्य ना होड़ 

भौतिकतावादी व्यवस्था कर्म


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


अर्जुन लक्ष्य संघर्ष कर 

प्रतिष्ठित विख्यात धनुर्धर 

प्रत्यक्ष परोक्ष गलत सही

श्री कृष्ण गीता उपदेश पंक्ति

  " फल की चिंता ना करे"

  " केवल कर्म करते चले"


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


कर्म निरंतर सफलता

असफलता दुःखी निराशा

कर्महीन ना होना 

ना होना कर्मविमुख


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


बिना फल पा बेहतर कर्म

फल का कर्म नहीं मिले

पूर्व निर्धारित फिर भी कर्म

अच्छे अच्छे सुरमा छोड़े प्रयत्न 


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


ठोस वस्तु भलीभांति ज्ञात 

नहीं ले जा सकते साथ

अच्छे बुरे कार्य यश-अपयश

हैं होगी हमारी विरासत


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


स्थूल रूप फणी दुनिया

सुख से, पद के साथ

सम्मान के साथ मृत्यु

प्रतिष्ठित मृत्यु पूर्व जीना

सुसुप्त जागृत लक्ष्य यहीं


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


आदर पूर्वक जन जन 

नाम की जय जयकारा

प्रशंसा पुरस्कार स्वपन 

नहीं लालसा किसका 

रचना श्रृंखला रचनाकार

जिजीविषा नहीं संभव  


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


अपनी ही इंद्रियां के गुण

आंखों तरसे अच्छा दृश्य

अच्छा छवि, रूप श्रृंगार

अच्छी जगह साफ सुथरी 

दृष्टि के लिए पुरस्कार


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


कानों के लिए माधुर्य

नासिका के लिए सुगंध

ये इंद्रियां बाट जोहती

सतत यही पुरस्कार


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


उपहार स्वरूप जीवन

रहते सारे अप - क्रम

स - सम्मान जीना

यही सम्मान उपहार

अंतिम यात्रा समान


श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!


परिदृश्य हर बार देखा बयां

घूम फिर कर यहीं बात

घुटने पे हाथ रख सयाने

बस यही (मृत्यु) सत्य हैं

 

श्मशान की दीवारों

अंदर जलती चिता 

दूर बैठे समूह हंसी ठट्ठा

जीवन से मृत्यु सफरनामे

उतार चढ़ाव फलसफा!



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