शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा
शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा


करने प्रकृति का पोषण मां और ,माली बन जाऊंगी।
अगर किसी ने मुझको सताया , भैरवी बनके आउंगी।
माँ, बहनों का हो सम्मान मैं इसके लिए लड़ जाऊंगी।
मैं बनकर अब अंबे और दुर्गा , शत्रु को मार गिराऊंगी।
कभी मदिरा व कभी शहद , अमृत प्याली बन जाऊंगी ।।
त्रभग नज़र मुझ पर न डालो , फिर चंडी बन लड़ जाउंगी ।।
शीत ऋतु ,मृदुल किरण कभी, उषा की लाली बन जाऊंगी।
दुश्मन का सर कर के कलम दुर्गा ज्वाला कहलाऊंगी ।।
नौ रूपों को धारण करके ,करती दुर्गा कल्याण सदा ।
बने कोई गर महिषासुर फिर मर्दिनी मैं बन जाऊंगी ।