STORYMIRROR

Sarita Singh

Inspirational

4  

Sarita Singh

Inspirational

बदलाव की कविता

बदलाव की कविता

1 min
419

चलो कुछ ऐसी कविता लिखे बदल जाए सोचने का ढंग

कुछ ऐसा तस्वीर गढ़े करें आज बदले हम दुनिया का रंग।


छंद हो या हो मुक्त हो,पर भावों से युक्त, हो लेकिन सशक्त।

मानव की पीड़ा हो जिसमें, लेखनी मानवीय भावों को व्यक्त।


हंसना रोना सब कुछ जिसमें भू मानव और प्रकृति का साथ।

सुख दुख के हर पहर का वर्णन हो हर पक्ष की हो जिसमें बात।


स्थापितहो हर युग,मानव में सदाचार, कुविचारों पर हो प्रहार।

अब स्वतंत्र हो स्त्री पुरुष, ओछी मानसिकता का ना हो विचार।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational