STORYMIRROR

Sarita Singh

Others

3  

Sarita Singh

Others

जीवन क्या है?

जीवन क्या है?

1 min
120

जीवन का हलाहल पिया जिसने

सच है जीवन को जिया उसने।

झूठ नित नया अस्तित्व कमा रहा।

पर सत्य नित्य संभव जमा रहा।

मृत्यु एक अटल शाश्वत सत्य।

लड़कर जो जीए उसकी ही जय है।

 मिट्टी रोज बीज से पौधा पनपती है।

नाव एक छोर से दूसरे छोर भटकती है।

कर्म की सदा ही संसार जय है।

जो कर्म करता सदा उसकी विजय है।


निज संतोष सदा होता फलदाई ।

अतृप्ति आकांक्षा, महा दुखदाई ।

कण कण में है जीवन, कर संचय ।

जी ले जो जितना, क्यों करता है संशय।

रूपए पैसे माया, धरे सब महल अटारी।

प्राण पखेरू उड़े, काया रहीं शेष बिचारी।

मृत्यु एक अटल शाश्वत सत्य।

लड़कर जो जीए उसकी ही जय है।

  


Rate this content
Log in