STORYMIRROR

Sawan Sharma

Inspirational

4  

Sawan Sharma

Inspirational

शिवशंकर हो जाना

शिवशंकर हो जाना

1 min
307

सृष्टि की भलाई के लिए, विष को भी पी जाना 

जो कोई मांगे जो भी,सबको तथास्तु कह जाना 

सरलता से प्रसन्न हो कर, सबको वरदान दे जाना

सरल नहीं है होता जग में , शिवशंकर हो जाना। 


नैन समीप प्रियतमा का ,अग्नि में भस्म हो जाना 

विलाप करते हुए, देह को ले चलते जाना 

और उस देह के भी, टुकड़े होते देख पाना 

सरल नहीं है होता जग में , शिवशंकर हो जाना।


जन्मों के प्रेम के लिए ,प्रतीक्षा की कई जन्मों तक

एक प्रेम की प्रतीक्षा में,कई जन्म व्यतित हो जाना 

कई जन्मों पश्चात अपने, प्रेम से मिलन हो पाना

सरल नहीं है होता जग में , शिवशंकर हो जाना।


देवो के देव होकर भी, कई पीड़ाएं सह लेना

दुःखों को अपने भक्तों के,अपने भीतर समा लेना

हर क्षण बस अपने भक्तों का कल्याण करते जाना

सरल नहीं है होता जग में, शिवशंकर हो जाना ।


भोले है पर क्रोधी भी, गंभीर है पर मस्ती में भी

क्रोध आ गया जो इनको, खुल गई जो आँख तीसरी

मुश्किल है इस सृष्टि का, प्रलय से फिर बच पाना 

सरल नहीं है होता जग में, शिवशंकर हो जाना ।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational