शिवाजी महाराज-राज्यभिषेक
शिवाजी महाराज-राज्यभिषेक
जगमा प्रसिद्ध असो राजाको काज।
भयी से छत्रपती शिवाजी महाराज।।धृ।।
सोलासव तीसको वु खुशीको साल।
शिवबान् जलम लेयीस बनके ढाल।।
कम उमरमा तोरणापर करीस राज।
भयी से छत्रपती शिवाजी महाराज।।१।।
सोलासौ उनसाठमा करीस काबीज।
प्रतापगड ना मुगल क्षेत्र भया नीज।।
आदिलशाहा को उतरायशान माज।
भयी से छत्रपती शिवाजी महाराज।।२।।
पुरंदर संधी करनो पड़ी मुगल संग।
आग्रामा बदलेव औरंगजेब को रंग।।
पुत्र संभाजी संग जेलमा पड़ी गाज।
भयी से छत्रपती शिवाजी महाराज।।३।।
शिवाजीन् मनमाच करीस बिचार।
फलको पेटारामा छिप भयेव फरार।।
रायगड आयशान कर सेत आगाज।
भयी से छत्रपती शिवाजी महाराज।।४।।
आपलो क्षेत्र पर करसेती अधिकार।
पुरंदरक् संधीमा जे गया होता हार।।
मनमा ठाणीन आता हिंदवी स्वराज।
भयी से छत्रपती शिवाजी महाराज।।५।।
राजा माननला मराठा नोहता तयार।
शिवाजी न् आव्हान करीस स्विकार।।
राज्यभिषेक कर सिरपर धरन ताज।
भयी से छत्रपती शिवाजी महाराज।।६।।
राजा बनावन ब्राम्हणको नही कल।
गागाभट्टला बुलाय काहाळीन हल।।
राज्यभिषेक भयेव पह्यनीन ताज।
भयी से छत्रपती शिवाजी महाराज।।७।।
