शिव
शिव


शिव कण कण है, कण कण में शिव है ।
तन में शिव है, मन में शिव है, जीवन के क्षण क्षण में शिव है ।।
धरती शिव है ,अम्बर शिव है, गंभीर मचलता सागर शिव है।
सूर्य में शिव है, चंद्र में शिव है, गोविंद नटवर नागर शिव है।
जल में शिव है, थल में शिव है, प्राण दायिनी हवा में शिव है।
धूप में शिव है, छांव में शिव है, रोग मुक्ति की दवा में शिव है।
आस में शिव है, विश्वास में शिव है, प्राणी की हर श्वास में शिव है।
कर्ता शिव है , कर्म में शिव है, सत्य सनातन धर्म में शिव है।
शिव शक्ति है शक्ति में शिव है, भक्तों की भक्ति में शिव है।
साकार भी शिव है निराकार भी शिव है, सृष्टि का आधार ही शिव है।
जन्म में शिव है, मृत्यु में शिव है, नश्वर के संहारक शिव हैं।
शिव ही सत्य है, सत्य ही शिव है, प्राणी के उद्धारक शिव हैं ।।