शिक्षक युग का निर्माता है
शिक्षक युग का निर्माता है
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शिक्षक युग का निर्माता है
संस्कारों का उद्गाता है।
यही द्रोण, कृप है, वशिष्ठ है,
शुक्र बृहस्पति सा वरिष्ठ है।
जो आदर्श मूल्य यह गढ़ता,
वही युग-चलन बन जाता है।
शिक्षक युग का निर्माता है।
भावी का यह शिल्पकार है,
स्वप्न-दृष्टि का सृजनहार है।
शिक्षक जो शिष्यों को देता,
उनका चिंतन बन जाता है।
शिक्षक युग का निर्माता है।
शिक्षक अपने श्रेष्ठ देय से,
निज को मिलते मान श्रेय से।
देश-काल के, लोक-धर्म के,
रूढ़ि-रुझान बदल जाता है।
शिक्षक युग का निर्माता है।