"शिक्षक -शिक्षा"
"शिक्षक -शिक्षा"


ज्ञान ज्योति जलाते शिक्षक
गढते शिक्षा का प्रतिमान,
राष्ट्रोन्नायक व पथप्रदर्शक
अमा हटाते करते आभासित।
शिक्षक-शिक्षा वह है जो,
कुम्हारवत् शिष्य को तरासे
प्रदान कराये सुंदर स्वरूप,
कराये जीवन से साक्षात्कार।
शिक्षक की शिक्षा ऐसी हो,
जो सभ्यसमाज निर्माण कर
बढाये प्रगतिपथ पर कदम
विकासोन्मुख चिंतन देवे।
शिक्षक दीपवत् नित जलकर
अज्ञान अमा को करता नाश
"सा विद्या या विमुक्तये"का,
रोज सद्गुणों की करे तलाश
शिक्षक मेधाव
िता की प्रतिमूर्ति
वह चाणक्य जैसा नीतिकार
निजराष्ट्र का सम्वर्धन कर
वह गुरुद्रोण सा है शास्त्रागार
गुरु वह जो करे तैयार अर्जुन
करे दुर्लंघ्य लक्ष्य को हासिल
शिक्षक हमारे अभिमान हैं
माझी बन भवसिंधु कराते पार
शिक्षक लिप्सा-एषणा से सुदूर,
पुरस्कार-प्रशंसा बच्चे सबकुछ
प्रेरक-उपाध्याय-आचार्य-गुरु,
मन-वचन-कर्मणा देते हैं ज्ञान
गुरुपद देवों से भी उच्चस्थान
राष्ट्र की शान है उनकी शिक्षा
शिक्षा के गौरव शांत गान हैं
शिक्षक ही श्रेष्ठ सबसे महान!