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Rashmi Lata Mishra

Abstract

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Rashmi Lata Mishra

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शिक्षा-वर्तमान दशा और दिशा

शिक्षा-वर्तमान दशा और दिशा

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साक्षरता की नीति,शिक्षा का दांव

महज शैक्षिक अभियान का दिखावा

ज्ञान के नाम पर, हाथी के दांत

शिक्षा प्रचार-प्रसार की खोखली सौगात

क्या शिक्षा केवल दस्तखत

का पर्याय है

या शैक्षिक विकास के आंकड़ों

की बढ़ोतरी का माध्यम

माध्यमिक विद्यालयों तक

अनुत्तीर्ण होने पर भी

उत्तीर्णता की अनिवार्यता

ये कैसी कायरता!

बुद्धि का आरक्षण, डिग्री में दिखावा

ये कैसा छलावा?

मिट्टी से गढ़े जाने वाले घड़े

पकने से पहले ही चकनाचूर

हो चले

और शिक्षा दिशाहीन हो चली

यूँ भी। व्यवहारिक ज्ञान के बगैर

सैद्धान्तिक ज्ञान अधूरा है

शिक्षा का उद्देश्य मात्र जीविकोपार्जन नही होता

वह तो माध्य्म है विकसोन्मुखता का,मानवता के पाठ पठन का

नैतिक व सामाजिक स्तर ऊँचा

उठाने का

तो शिक्षा हो भ्रष्टाचार से मुक्त

व्यवहार से युक्त हो

न हो विद्यर्थियों द्वारा निराशा में

जान देने की तैयारी

न ही हो नम्बरों की मारा-मारी

राजनीतिकरण न शिक्षा का व्यवहार हो

विद्यार्थियों को दलगत प्रणाली

से न सरोकार हो

सार्वभौमिक ता के भावों को उपजाये वही असली शिक्षा

वसुधैवकुम्बकम का पाठ पढ़ाये

वही असली शिक्षा

कहाँ गुरु शिष्य प्रणाली की वो

पवित्र परम्परा

कहाँ आज इस रिश्ते को कलंक 

ने है 'वरा'

अतः आओ हम सब एक 

महायज्ञ रचाएं

शिक्षा की दशा और दिशा

दोनों में सुधार लाएं

और इसी प्रयत्न में अपना

तन,मन,धन लगाएं



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