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Sumit. Malhotra

Abstract Action

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Sumit. Malhotra

Abstract Action

शिकायत आपसे नहीं।

शिकायत आपसे नहीं।

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शिकायत आपसे नहीं कोई, 

बल्कि हमें स्वयं से सदा हुई। 


तुम सारी हदें पार करने को, 

ब्याह कर हदें पार करने को। 


तैयार हो गई प्यार पाने को, 

अपने हमसफ़र से तलाक़। 


ख़ुशहाल शादी-शुदा संसार, 

छोड़ने के वास्ते कैसे तैयार। 


परंतु हम स्वार्थी नहीं सनम, 

बर्बाद करते तेरा घर-संसार। 


प्यार सिर्फ़ पाना नहीं बल्कि, 

कुर्बान करना मानते हैं प्यार।


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