शीर्षक:नयन बसे तुम
शीर्षक:नयन बसे तुम
तुम बसे मेरे नयनों में
तुम्हें भूल जाऊँ कैसे
जीवन का उजाला हैं तुम्ही से
कनक चमक तुमसे मन में
तुम दूर न जाना मुझसे मन से
रूह से रूह का मिलन अनोखा
अंतर्मन की गहराई में तुम बसे मेरे
शब्द कविता लिख देती मैं पर
जीवन सरगम की लहर बसी तुझ में
प्रतिध्वनि की ताल बसी दिल में
जीवन आदर्श जो मान बैठी मैं
प्रेरणा जीवन उत्थान तुम्ही मेरे
एक मन्नत मांग चुकी प्रभु से मैं
विनम्रता की एक चाहत को लिए
अरमानों की बरसात हो मेरे
मन मंदिर के स्वामी तुम्ही हो
तुम बसे मेरे नयनों में
तुम्हें भूल जाऊँ कैसे।