शीर्षक- "लम्हें जिंदगी के"
शीर्षक- "लम्हें जिंदगी के"
जिंदगी जीना भी एक कला है,
हंसाकर रुलाना, रुलाकर हंसाना है जिंदगी
अपने गम में भी, मुस्कुराना है जिंदगी
दूसरों के दुखों को, बांटना है जिंदगी
प्रभु का नाम ले सदा जो, उसके लिए तो बेहतर है ये जिंदगी
दिल में हो कपट यदि, तो उसे छोड़ना है जिंदगी
हो लाख मुसीबतें पर, जीना है जिंदगी
इस कलयुगी संसार में, सब जलते हैं दूसरों के सुखों पर
पर उन्हें नहीं यह मालूम कि सुख का दूसरा नाम "छांव "है ये जिंदगी
जिन्दगी जीना भी एक कला है जिंदगी
हर सुख दुख की घड़ी में इम्तिहान लेती है ये जिंदगी
इस जमाने में, शोहरत- पैसा तो मिल जाएगा
पर इज्जत बनाना, नाम कमाना, है जिंदगी
अपनों से अगर कोई रूठे,
तो उसे मनाना है, जिंदगी
पर हरदम झुकना पड़े,
तो रुक जाओ ऐसा पैगाम है ये जिंदगी
जिंदगी जीना भी एक कला है जिंदगी हर सुख- दुख की घड़ी में,
इम्तिहान लेती है ये जिंदगी
ठोकर खाकर जो संभल जाए,
वही है जिंदगी पर जो संभले ही ना ठोकरों से
उसके लिए तो बेरहम है ये जिंदगी
जिंदगी जीना भी, एक कला है जिंदगी
हर सुख -दुख की घड़ी में इम्तिहान लेती है ये जिंदगी।