शीर्षक: दीये मिट्टी के
शीर्षक: दीये मिट्टी के
ये मिट्टी के दीये ….
ये मिट्टी के दीये बनाता तुम्हारे लिए
मैं हूँ कुम्हार गढ़ता हूँ मिट्टी के दिये तुम्हारे लिए
रूप दीये का देकर रोशन करता तुम्हारे लिए
मिट्टी को कितना खूबसूरत रूप देता तुम्हारे लिए
ये मिट्टी के दीये ….
कभी मिट्टी रंग में तो कभी सजाता हूँ रंगों से
प्यार के रंगों से सराबोर रोशन करते रंगीन दीये
प्यारे प्यारे रंगों में ढालता उनको रोशनी के लिए
बाजारों में रौनक दिवाली की होती तुम्हारे लिए
ये मिट्टी के दीये ….
खूब दीये खरीदो हम से दिवाली के लिए
आपकी तो हो रोशन दिवाली संग हमारी ही रहे
उम्मीद से आकर बाजार में बैठ गया लेकर दीये
जगमग जगमग दीये मेरे करे रोशन दीवाली आपकी
ये मिट्टी के दीये ….
अंधेरे में खुद रहकर खुशियां मनाएं आपकी
खुशियां लेकर आये दीये का प्रकाश आपके जीवन में
इस दीपावली ज्यादा से ज्यादा खरीदो दीये गरीब के
मिट्टी के ये खूबसूरत दीये उनके घर मे रोशनी करें
ये मिट्टी के दीये ….
घर जरूर खरीद कर लायें उस गरीब के दिये
उसके घर मे भी मन इस वर्ष खुशी की दिवाली
गरीब के बच्चे भी खा सके मिठाई इस दीवाली
आओ सब मिलकर मनाए संग संग दीवाली।
