शीर्षक- आजादी के परवाने
शीर्षक- आजादी के परवाने
देश के नाम लिखा करते, जिंदगानी मेरे देश के वीर
भारत की रखवाली करते वतन के मतवाले।
देश की खातिर तैनात रहते जवान तुझे सलाम।
आन -बान और शान देश की नहीं रुकने देते ,
वन्दे मातरम गान तिरंगा झंडा नहीं झुकने देते ।
देश हित में जान की बाजी लगाते, करते सदा देश का नाम।
देश की खातिर जीते मरते जय जवान तुझे सलाम।
सत्य धर्म व न्याय नीति का पावन पथ लेकर।
विश्व बन्धुत्व का ध्यान भी रखते सर्व सम्मत लेकर
विपरितों को दंडित करते त्याग कर निज आराम।
देश की खातिर जीते मरते जय जवान तुझे सलाम।
बुरी नियत वालों को नाकों चना चबवा देते ,
दुश्मनों को धूल चटा क्षण भर में छक्का छुड़ा देते
राष्टृ रोग को सदा ही हरते रहते सुबहो - शाम।
देश की खातिर जीते मरते जय जवान तुझे सलाम।
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सभ्यता संस्कृति अखंड़ता सदा बचा करके।
हो जाते शहीद हँसकर विष भी पी लेते मुस्कराकर के।
माँ भारती का वंदन करते कभी नहीं करते विश्राम।
देश की खातिर जीते मरते वतन के परवानों को सलाम।
शत नमन वंदन अभिनंदन है वीर जवानों को।
मिटने देते कभी नहीं भारत भव्य अरमानों को ।
जोश उत्साह जतन में भरते कभी नहीं होते हो बाम।
देश की खातिर प्राण न्योछावर करने वाले वीरों को सलाम।
अटल दृढ़ पथ से नहीं होते
डटे रहे देश की खातिर देशभक्ति
सेवा ही वीरों के चारों धाम।
आजादी के परवाना के गर आँगन सूने हो जाते
देशभक्ति की अलख जगाने नवल पीढ़ी को आगे
लाते।
बलिदानों की गाथा ऐसी ,देश करे गर्व
आजादी के दीवाने को कोटि कोटि सलाम
जय हिन्द की सेना
जय भारत
जय जय जय