"सही वोट"
"सही वोट"
यह नेताओं की जोरदार की लड़ाई
पीछे से फिर एक पंगत में जम्हाई
हम-तुम आम आदमी यूँही लड़ते हैं
यह नेता किसी के लिये नही मरते हैं
सामने ही करते एक-दूजे की खिंचाई
पीठ पीछे से,एक-दूजे के घर जमाई
यह नेताओ की जोरदार की लड़ाई
हमें बेवकूफ बनाने के लिये है,भाई
सब यहां शहादत देते हैं ,अपने ही भाई
न मिटाओ,तुम लोग इस चुनावी दौर में,
अपनी कई वर्षों की भाईचारे की कमाई
दुष्करता से जमा भाईचारे की पाई-पाई
जैसे किसी को चाहिए,सर्दी में रजाई
वैसे ही नेताओ को चाहिए,वोट भाई
मत बनो तुम किसी नेता की परछाई
स्व-विवेक से चुनो सही उम्मीदार सांई
गर अच्छी बात लगे इस साखी की
वोट की सही ताकत दिखाओ भाई
चुनो सच्चे और अच्छे-भले नेता को,
जो दुःख-दर्द में समझे बस अपने को
जमीन से जुड़े नेता को सब चुनो,भाई
जो समाज मे फैली गंदगी करे सफाई
हिंद की मिटा सके,जो सब कठिनाई
वोट से,चुनो सही सरकारी बाप-माई
अमन माहौल मे यह मुल्क उन्नति करे
कौमी एकता की लगाओ,तुम स्याही
यही भारत के संविधान की तरुणाई
सब ताकत जन-जनार्दन तुझमे समाई।
