शहीदों के नाम एक हुंकार
शहीदों के नाम एक हुंकार
सब्र कहाँ से लाये
देश कितना जलाये
लहू दिखे है पानी
शहीदों को शीश झुकाये....
एकमत सोच न पाये
देश को कैसे बढाये
वक़्त पे सुरक्षा मांगी
शहीदों को भेंट चढ़ाये....
स्वार्थ में हित बनाये
देश को क्या सजाये
नेता करे राजनीति
शहीदों को याद कराये...
आपस का भेद दिखाये
देश को कहाँ पहुंचाए...
दावे में खुद समर्पित
शहीदों को वीर कहलाये...
माँओ ने बेटे गवाये
देश को कौन बचाये
सुहागनों की आहे रूहानी
शहीदों को आवाज़ लगाये...
साथ दुश्मन के साये
देश में क्यों मंडराये
भारत माँ है हमारी
शहीदों को हम गवाये....
एकता का हुंकार लगाये
देश को दूजा क्यों ले जाए
जयहिंद की गूंजे की बाणी
शहीदों को कभी न भुलाये.....!