STORYMIRROR

Dr. Akansha Rupa chachra

Inspirational

4  

Dr. Akansha Rupa chachra

Inspirational

शहादत

शहादत

1 min
371


सुखदेव, भगत सिंह, राजगुरु, आजादी के दीवाने थे,

हंस-हंस के झूले फांसी पर भारत मां के मस्ताने थे।


वह मेरे नहीं हैं जिन्दा हैं, वह अमर शहीद कहाएंगे,

वह प्यारे वतन पै निसार हुए, वह वीरों में मरदाने थे।


यह मरजी उस मालिक की थी, सब उसने खेल दिखाए हैं,

था लिखा उन्हें कुर्बान होना, फांसी के मुफ्त बहाने थे।


ब्रिटिश ने कहा माफी मांगो, शायद जिंदगानी हो जाए,

हंस हंस के सब ने जवाब दिया, नहीं हशर में दाग लगाने थे।


दुख दर्द से तूने पाला था, कुछ काम ना हम आए तेरे,

आजाद ना मां कर तुम को चले, मालिक के यई मनमाने थे।


सुखदेव, भगत सिंह, राजगुरु, आजादी के दीवाने थे

हंस-हंस के झूले फांसी पर भारत मां के मस्ताने थे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational