सदैव महात्मा
सदैव महात्मा


इस युग में जिसका छाप रहा है
ईश सद्गुण जिसमें वास रहा है
परमात्मा के बाद वो महान आत्मा है
गांधी भारत का जो सदैव महात्मा हैं
सत्य अहिंसा को अस्त्र और धर्म बनाया जो
शत्रु दमन जग संताप हरण मर्म यही समझाया वो
चल कर जिसमें खुद अमर हुए औरों को राह बता गए
अछूतों को हरिजन बना उनमें जीने की चाह जगा गए
क्या उनको देना श्रद्धांजलि अपना फर्ज न बनता है
स्वतंत्रता जिसने दी लिखना एक कविता अर्ज न बनता है !