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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Classics Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Classics Inspirational

सदा खुश रहें हम

सदा खुश रहें हम

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कोसें न खुद को कभी, सदा खुश रहें हम,

खुशियों के संग ही तो, मिले हैं अनेक गम।

ज्यादा मिला है कुछ को,कुछ को मिला कम,

कहीं जो रहे पीछे तो, कहीं श्रेष्ठ भी हैं हम।


कहीं कुछ मिला जो कम,तो कहीं हुई भरपाई,

होगी किसी की भौतिक, संसाधनों की कमाई।

भौतिकता से दूर रह,पर सद्वृत्ति दौलत पाई,

जो मिला है हमको, उससे करें सब की भलाई।


हम जो भी कमाएं लाभ, उसका सब ही तो पाएं,

शुभता का अनुसरण कर,अनुकरणीय बन जाएं।

उत्साहित सदा रह कर, उत्साह सबका ही बढ़ाएं,

रखें धीर मुसीबत में हम , लेश भी तो न घबराएं।


प्रभु की कृपा है सब पर,है शुभता का वादा,

सदा शुभ ही होगा जो, अपना दृढ़ हो इरादा।

सदाचार अपनाएं और, जीवन को रखें सादा,

भागेंगे सकल गम और, मिलें खुशियां ज्यादा।


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