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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

"सच्ची भर्ती"

"सच्ची भर्ती"

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एकमात्र आर्मी है

जो सच्ची भर्ती है

बाकी सब फर्जी है

अन्य में वक्त की,

बहुत ही नामर्जी है

तुरंत परिणाम, ओर,

तुरंत होती भर्ती है

एकमात्र आर्मी है

जो सच्ची भर्ती है

बाकी रोती कश्ती है

दरिया बीच होकर,

न रही अब मस्ती है

रो रही, अब बस्ती है

रोजगार की न रही

अब यहां, हस्ती है

रोजगार हो भी तो,

वक्त की बेदर्दी है

इतना वक्त लगता,

टूट जाते हौसले,

बिक जाती, गाइडे,

होकर यहां रद्दी है

खास की सब भर्ती,

सही वक्त पर होती

न रोती यूं जिंदगी है

समय की रेत पर,

जो बहती नदी है

वही लंबी चलती है

बाकी मिट जाती,

वो सदी भी है

वक्त पहले रहती,

जिन्हें जल्दी है

वो भी न पाते,

सफलता वर्दी है

वक्त पर खा ले,

गर साखी रोटी है

जिंदगी की न खुले,

फिर कोई धोती है

जो होती, वक्त पर

कर्मफल प्राप्ति,

फिर न होती

यूँ न बेकद्री है

एकमात्र आर्मी है

जो सच्ची भर्ती है

जो हो सच्ची,

यहाँ हर भर्ती है

फिर मिटे जायेगा,

भ्रष्टाचार नामर्दी है

बेरोजगारों की खिले

सच में कर्म कली है



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