Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Fardeen Ahmad

Abstract Inspirational Tragedy

3  

Fardeen Ahmad

Abstract Inspirational Tragedy

सबका साथ ज़रूरी है

सबका साथ ज़रूरी है

1 min
235


इंसानियत पर एक आफ़त आयी है

वायरस और बेवक़ूफ़ी साथ लायी है

सारे जहाँ की अवाम है परेशान

हर जगह बस क़यामत सी छायी है।


लाखों ने दुनिया से रुख़्सती ले ली है

और लाखों पड़े हैं बीमार

रहनुमाओं ने पूरी ज़ोर दे दी है

बस कुछ बेवक़ूफ़ों से हैं लाचार।


ऐसी घड़ी में भी ये क्या हो रहा है

अभी भी कोई नफ़रत के ज़हर घोल रहा है

मंदिर और मस्जिद से ऊपर नहीं उठ पाए 

क्या अभी भी तेरे अंदर का इंसान सो रहा है।


जान पर खेलकर हमें कोई बचा रहा है

कुछ तो समझो, क़द्र करो

रहनुमा जो अपना देश चला रहा है, उसको

कुछ तो हिमायत दो, शर्म करो।


बैठो कुछ दिन घर पर

खुदा की बरक़त मान लो

बिताओ वक़्त खुद के साथ 

अपनी अहमियत तो जान लो।


बिना तेरे...बिना मेरे, हर एक आस अधूरी है।

इस जंग को जीतने के लिए सबका साथ ज़रूरी है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract