Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Inspirational

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Inspirational

सैनिक

सैनिक

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सरहद पर मरता उड़ती रेगिस्तानो में तपता बर्फ चट्टानों पर एक हाथ तिरंगा दूजे हाथ संगीन पल प्रहर राष्ट्र कि रक्षा मे जीता मरता ।।

जाने कहाँ किधर से कोई गोली आ जाये मौत किस्मत कि लिख जाए चौकन्ना आंख कान खोले एक टक सरहद पर खड़ा रहता।। 

बूढ़े माँ बाप कि आंखे करती इंतज़ार बीबी बच्चे नित्य मांगते बापू के जीवन का ईश्वर से आशीर्वाद।।

नव विवाहिता को सेज सुहाग छोड़ चल पड़ता सर बांध कफ़न सेहरे का सर त्याग।।

आशाओं उम्मीदों का बेटा शौहर प्यार परिवार कि अभिलाषा अरमान कि चाह राह।।

एक दिन ताबूद में बंद आता शव कुछ सरकारी अधिकारी अमला आता श्रद्धा कि अंजली सलामी

का देता पुरस्कार।।

गांव नगर कि जन जनता जब तक सूरज चाँद रहेगा तेरा नाम रहेगा कुछ दिन करती याद।।

वेवा अपने सुहाग मर्यदा बीर धैर्य धीर के सात फेरों को निभाती माँ बाप बेटे कि शहादत का जीवन भर निभाती साथ।।

भावी जन्मों में भी बलिदानी बेटा मांगते जीवन का पल प्रहर जीवन की चुनौती लड़ते मा बाप।।

सैनिक जीवन कठिन चुनौती वर्तमान में जीते जी शरहद पर मरता देश पर मर मिटने के बाद अतीत का बुझा चिराग अंधकार गुमनामी में खो जाता।।


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