सैलाब है लाना
सैलाब है लाना
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असफलता से निराश ना हो,अच्छे दिन भी आएंगे।
अपने मन की यही कामना फिर नया आस सजाएंगे।।
कोई नकारात्मक भाव अब मन में कभी नहीं लाएंगे।
अपने संघर्ष की गाथा हम कल दुनियां को बतलाएंगे।।
होने ना देंगे अपनों को दूर ना कभी उनसे दूर जाएंगे।
हर एक चेहरे पर प्यार भरी मुस्कुराहट हो खिलाएंगे।।
अपने मन में स्नेह तंतु को कभी ना हम सुखाएंगे।
प्रेम विश्वास की सिंचाई से रिश्तों के फसल लह लहाएंगे।।
हर नई सुबह की किरणों संग नया पैगाम लाएंगे ।
अपने हाथों में खुशियों का गुलदस्ता खुद सजायेंगे।।