सावन मेघा जल बरसाएंगे।
सावन मेघा जल बरसाएंगे।
सावन मेघा जल बरसाएंगे,
हम सब मिल खूब पेड़ लगाएंगे।
पर्यावरण को स्वच्छ बनाएंगे,
हम सब सबको जीना सिखाएंगे।।
हरा भरा पावन ये धरा हो,
सबका जीवन खुशी भरा हो।
स्वच्छ हो नदियां, स्वच्छ हवा हो,
नहीं रोग और नहीं दवा हो।
ऐसा जीवन स्वस्थ बनाएंगे,
हम सब सबको जीना सिखाएंगे।।
पर्यावरण जब संतुलित होगा,
कोई प्राकृतिक आपदा ना होगा।
नहीं भूकंप और बाढ़ का खतरा,
जीवन सदा सुरक्षित रहेगा ।
ऐसे पृथ्वी को हम सजाएंगे,
हम सब सबको जीना सिखाएंगे।।
स्वर्ग बनाएंगे इस धरती को,
सबको बताएंगे प्रभु भक्ति को।
एक दूजे के लिए जायेंगे,
जीवन जीयेंगे हम मस्ती से।
मानव मूल्यों को अपनाएंगे,
हम सब सबको जीना सिखाए।।
सावन मेघा जल बरसाएंगे,
हम सब मिल खूब पेड़ लगाएंगे।
पर्यावरण को स्वच्छ बनाएंगे,
हम सब सबको जीना सिखाएंगे।।