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Poetry Lover

Abstract

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Poetry Lover

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साथी

साथी

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ये श्याम डूबते रंग में कोई नयी फरियाद लाती है,

ऊंची चोटियाँ बन के रक्षक नया मुकाम लाती है।


शांत होता सागर बेचैन शरीर में सुकून लाती है,

आसमान के काले बादल सुनहरे सपने लाती है।


अंधेरे को चीरता दीपक नया चिराग लाती है,

मां की ममता भोजन में लड़ने की ताकत लाती है।


दादी की लोरी नींद की झपकियां लाती है,

मूंदती पलकें चंद मिनटों में नया सवेरा लाती है।


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