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Poetry Lover

Others

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तस्वीर

तस्वीर

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दीवार पर लदी एक मुरझायी कील में

किसी अनजान की तस्वीर

आये उन मेहमानों का ध्यान

खींच रहा अपनी ओर।


साधारण अवस्था में चिपकी

गूंगी मुखरित होकर

अधूरेपन को दर्शाती

रंग भरा एक से दूसरी छोर।


दिखती उसमे लम्बी केश जटाएं

गहरी काली आँखें

एक आदर्श अर्थ छिपाये

नज़रें उसकी झकझोरे।


सीढ़ियां चढ़ते उतरते पड़ती नज़रें उसमे

खयाल भी कमाल के उसी के

ढलती शाम और चढ़ता सूरज

याद आती वो परी सुन्दर एवं प्योर ।



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