इकाई
इकाई
गणित हो या भौतिक हो,
चाहे हो वह रासायनिक विज्ञान।
सटिक वार का जो दे प्रेरणा,
दे एक अद्भुत एवं तीखा ज्ञान।।
जिसके बिना उलझे विद्यार्थी,
हो सदैव ही मन का भटकाव।
रामबाण का करे जो काम,
नाश करे मन का तीक्ष्ण मुटाव।।
सभी राशियों पे हक है उसका,
न करें उसके बिना कोई काम।
शीर्ष पर है सीमा जिसकी,
पहचान में देता अलग नाम ।।
बड़े से बड़े हो जाते अचंभित,
जब फंसते है वो जाल।
बुद्धि तर्कों से विचलित करती,
चेहरे का रंग हो जाता लाल।।
गर्त से यम तक निकाले खोज,
आर्यभट्ट भी रह गये चकित।
साधु सन्त भी देखते रह गये,
जब परिणाम से हो गये भ्रमित ।।
सूक्ष्म शब्द अकेला ही काफी है,
फैले चारों ओर जहान में।
उस अविष्कारक को नमन है,
निर्माण किया जिस महान ने ।।