साथी हो ऐसा
साथी हो ऐसा
सुख दुःख में शामिल हो, सहायक बनकर।
अपना आंसू पोछने से पहले, मित्र के आंसू आने न दे।
साथ चले बांहे पकड़ कर, हर कष्टों को निपटारा करे।
अगर भूल भी जाए अपना पथ, पथ को भूलने न दे।
हर कामयाबी पर तात्पर्य रहे, मन के दीप बुझने से पहले।
मिले एक रोटी परिश्रम से जो, मिल बांट कर खाएं झगड़ा होने से पहले।
साथी हर विपत्तियों के साथ हो, दवा बनकर,
अपने मित्र के जख्म होने से पहले।
सहनशील दयालु हो, वो खिले पुष्प की तरह, मुरझाने से पहले।
अगर बीत जाए सफ़र बचपन के, वो फिर से याद दिलाए।
जो गुनगुनाए थे भंवरा बनकर, गुमसुम होकर बताए।
अगर जिंदगी के मेले में, भूल जाए अपना मित्रता।
वो मित्र अकल बताए, खो जाने से पहले।