STORYMIRROR

Kulwant Singh

Inspirational

3  

Kulwant Singh

Inspirational

साथी बढ़ते जाना

साथी बढ़ते जाना

1 min
224

हाथ पकड़ कर इक दूजे का,

साथी बढ़ते जाना। साथी .....

 

संकट कितने ही आएं,

इनसे न घबराना।

साथी बढ़ते जाना। साथी .....

 

मंजिल दूर भले हो कितनी,

मिलकर कदम बढ़ाना।

साथी बढ़ते जाना। साथी .....

 

पथ में चलते हार गए जो,

उनको गले लगाना।

साथी बढ़ते जाना। साथी .....

 

कंटक कितनी ही पीड़ा दें,

आँसू न कभी बहाना।

साथी बढ़ते जाना। साथी .....

 

रोशन हो यह जग सारा,

सूरज नया उगाना।

साथी बढ़ते जाना। साथी .....


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational