सारे जहाँ से अच्छा हिंदोस्तान
सारे जहाँ से अच्छा हिंदोस्तान
सारे जहाँ से अच्छा, हमारा हिंदोस्तान,
जहाँ की धरती प्यारी, जहाँ की खुशबू महान।
यहाँ की मिट्टी में बसी है ममता की मिठास,
यहाँ के खेतों में लहराती हरियाली का एहसास।
नदियों की कल-कल में गूंजे गीतों की रागिनी,
पहाड़ों की ऊँचाई में बसी है वीरता की कहानी।
समुंदर की लहरों में है अदम्य साहस की धार,
सूरज की पहली किरण में है उम्मीद का प्यार।
भिन्न-भिन्न रंगों में सजी है ये हमारी धरती,
एकता की माला में पिरोई है इसकी हर कृति।
संस्कृति की धरोहर, विविधता का सम्मान,
विश्व गुरु बनकर खड़ा है मेरा हिंदोस्तान।
गाँव की सादगी हो या शहरों का आधुनिक चेहरा,
हर जगह बसा है यहाँ पर भाईचारे का पेहरा।
त्योहारों की रौनक में है बसी अनोखी खुशियाँ,
हर दिल में धड़कता है यहाँ पर प्रेम की रौनकियाँ।
युद्ध की विभीषिका में भी हमने देखा है स्वाभिमान,
हर दिल में बसता है यहाँ पर देशभक्ति का अरमान।
सारे जहाँ से अच्छा, हमारा हिंदोस्तान,
जहाँ की धरती प्यारी, जहाँ की खुशबू महान।
