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GAUTAM "रवि"

Abstract Romance Classics

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GAUTAM "रवि"

Abstract Romance Classics

रुसवाई

रुसवाई

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खफ़ा रहकर यूँ ना रुलाओ मुझे,

गलत हूँ अगर तो सज़ा दो मुझे,


हुई हो अगर खता मुझसे कोई,

गलती अगर मुझसे हो भी गई ,

सुनो, तुम तो अपने ही हो मेरे,

गलती मेरी तो बता दो मुझे,


खुश थे अगर तुम तो खुश था जमाना,

बहुत खुश था मैं जैसे पागल, दीवाना,

खुद को भुलाकर तुम्हें ये जताना,

है सच ये मेरा, नहीं कोई बहाना,


नया गीत कोई सुना दो मुझे,

किस्सा कोई तो बता दो मुझे,

चलो प्यार और परवाह ना भी सही,

गुस्सा ज़रा तुम जता दो मुझे,


दुआओं में हूँ बेअसर मैं तो,

भटक रहा हूँ दरबदर मैं तो,

खुद से हूँ बेखबर मैं तो,

कोई रास्ता तो दिखा दो मुझे,

पता मेरा तुम ही बता दो मुझे,


कभी हाल पूछो, तबियत मेरी तुम,

पूछो ना मुझसे था कैसा मेरा दिन,

अंधेरों से मेरे निकालो मुझे,

मेरा चाँद तुम अब दिखा दो मुझे,


मन में है हलचल, है दुविधा बहुत,

नाम है 'रवि' और जले हैं बहुत,

फ़ूल फिर से यहाँ तुम खिला दो ना,

दुनिया मेरी तुम ही सज़ा दो ना,


बातें बहुत सी हैं तुमको बतानी,

करनी हैं तुमसे वो बातें रूमानी,

वही प्यार मुझ पर लुटा दो ना तुम,

हर दूरी, हर अंतर मिटा दो ना तुम,

गोदी में सर रख सुला दो ना तुम,

मुझे फ़िर से मुझे ही मिला दो ना तुम।


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