ऋतुराज
ऋतुराज


बोलो इस बार,
क्या तुम लाओगे ऋतुराज,
क्या बसंत बन सूखी टहनी पर
पारिजात से लहराओगे,
क्या ताल के ठहरे जल में तुम
नील कमल से खिल जाओगे,
बोलो इस बार,
क्या तुम लाओगे ऋतुराज,
क्या गुलाब की रंगत पर
नेह की ओस गिराओगे,
बोलो क्या तुम नित प्रहर
कोयल की कूक सुनाओगे,
टेसू के फूलों को लेकर
होली के रंग उड़ाओगे,
बोलो इस बार,
क्या तुम लाओगे ऋतुराज,
आम के पेड़ों पर क्या तुम
बौरों से लद जाओगे,
क्या सरसों के फूलों से
खेतों में लहराओगे,
आओगे तो जाओगे भी, पर क्या
थोड़ा और देर रुक जाओगे।