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Dhvani Ameta

Inspirational

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Dhvani Ameta

Inspirational

रणवीर

रणवीर

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राजस्थान के गौरव पर कविता

राजस्थानी रण वीरों की

गौरव गाथा न्यारी हैं। 

मातृ भूमि पर शीश चढाना , 

वीरों की बलिहारी हैं।। 

वीरों का सिरमौर हुआ, 

राणा प्रताप था बलशाली, 

अकबर - सा सम्राट् झिझकता, 

सेना जिसकी रखवाली

चेतक जिसके चंडी जैसा

लग रहा अवतारी हैं। 

राजस्थानी रण वीरों की, 

गौरव गाथा न्यारी है। 

मातृभूमि पर शीश चढ़ाना, 

वीरों की बलिहारी है।। 

पृथ्वी राज चौहान जिसको, 

सुलतानों ने ललकारा था। 

नेत्रहीन ने भरी सभा में, 

दुश्मन को धिक्कारा था।। 

चंद कवि की तुकबंदी वीरों को कितनी प्यारी है। 

राजस्थानी रण वीरों की गौरव गाथा न्यारी है।। 

अमर सिंह की अमर कहानी, सबने सुनी और पहचानी। 

नागौर नगाड़े देता कहता, करता अब तक कुर्बानी।। 

सतियों के सत की यह धरती, वीरों की फूलवारी है। 

राजस्थानी रण वीरों की गौरव गाथा न्यारी है।। 

घोघा , बापा, रावल फता, शैतानसिंह से वीर हुए। 

मीरा, पद्मण , हाडा , दुर्गा, रामदेव से पीर हुए।। 

राजस्थानी रण वीरों की गौरव गाथा न्यारी है। 

मातृ भूमि पर शीश चढ़ाना, वीरों की बलिहारी है।


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