रंग दे माँ
रंग दे माँ


माँ तू रंग दे मुझे
अपने ही रंग मैं,
के तुजसे कभी
दूर न जा पाऊँ।
तेरे ही आँचल के तले
माँ मैं सुकून से सो जायु।
तेरे चरणों में माँ मुझे
सारी दुनिया दिख जाती है,
तुझसे दूर मुझे माँ
चैन कहा आ पाती है।
तुजमे समायी हुयी है
दिलों जान मेरी।
हे भारत माँ,
तुझसे जुदा हो जायु
एईसा सा न कभी हुआ।
तेरा दरजा सबसे ऊँचा
आँखों मैं है सबकी,
ऐसे तेरी पूजा करूँ
जैसे करूँ मैं रब की।
दुनिया भर मैं सबसे अच्छा
मेरा देश महान,
जहाँ भी जाऊँ दुनिया भर मैं
गाऊँ तेरे ही गुणगान।
तेरी वीर संतान है माता
रखवाली तेरी करते,
तेरी नाम के खातिर माता
हम है जीते मरते।
तुजपे कभी न आंच भी आए
ऐसी दिल की आस,
ज़िन्दगी रहे तेरे चरणों मैं
जब तक चले साँस।
तिरंगा लहराए ऊँचा
सदा तू मुस्काये,
भारत माँ दुनिया भर मैं
सबसे आगे स्थान पाए।
दुनिया भर की सारि खुशियाँ
तुजपे लुटाते जाये,
तेरी दामन छोरके माता
जाये तो कहा जाये।
खुशाली से भर दे आँचल
दे तुझे सम्मान,
तुजसे है नाता मेरा
तुझीसे आन और शान।
देश मेरा है सबसे सुन्दर
सारे जहाँ से प्यारा,
हरियाली से सजी हुयी है
बहे नदियों की धारा।