रक्षक देश के
रक्षक देश के
देश के रक्षकों की तनख्वाह जहां
है एक चपरासी से भी कम
उस न्यारे देश के वासी हम
करते फिरते है आईपीएल पर गर्व
आज़ाद देश मे लगाते आज़ादी के नारे हो
आतंकी फाँसी चढ़े तो मोमबत्ती जलाते हो
अजान की आवाज़, मंदिर की घंटी पर लड़ने वालों
कोई तो आवाज़ उठाओ आज उनके हित में भी
जिन्होंने दिया बलिदान बचाने के लिए तुम्हारा जीवन
जिनके अपने परिवार हो गए है आज अनाथ
कोई तो दो आज धरना जंतर-मंतर पर
लौटाओ अवार्ड ये कहकर की मिले शहीदों को इंसाफ
ज्यादा कुछ करना ना हो संभव
तो कम से कम इतना तो हम सब करें
बने ऐसे योग्य नागरिक की
हमारे लिए जान देने पर वो अफसोस नहीं फक्र करे