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Sangeeta Kumari

Abstract Inspirational

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Sangeeta Kumari

Abstract Inspirational

रक्षाबंधन

रक्षाबंधन

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इक बहन ने धागे में,

       कुछ मोती डाली है।

जिसे भैया की कलाई पर बाँध,

       कुछ जिम्मेदारी डाली है।।


कुछ दुआएँ, कुछ प्यार,

       कुछ तकरार इनसे पाई है।

कितनी कड़ी धूप हो पर,

       इनके साथ से छाया ही पाई है।।


प्रेम का सही अर्थ तो,

       बहन-भाइयों ने निभाई हैं।

इक -दूसरे के लिए,

       जान की बाजी लगाई है।।


इनके बीच के स्नेह का,

       किसी ने न बोली लगाई है।

तभी तो इनके बीच का बंधन,

        'रक्षाबंधन' कहलाई हैं।।


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