रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन आया भाई
अब तो जल्दी आ जा
राखी लेकर बैठी हूं मैं
पहले कलाई बंधा जा
मां के अलावा एक तू ही
सच्चे प्यार का साथी है
जब भी मुश्किल होती
मुझे तेरी याद सताती है
लिपट के अपनी बांहों मे ंं
मुझे रोने देना मेरे भाई
बड़े अरमानों से मिलने की
आज घड़ी है फिर आई
रिश्तों में सबसे ऊपर जो
रिश्ता भाई की बहना है
हर हाल में लाज निभाना
भैया इतना ही कहना है!