रिटायरमेंट के बाद
रिटायरमेंट के बाद
जो करना है आज कर लो,
रिटायरमेंट के बाद का इंतजार क्यों?
कल कभी आता नहीं दोस्तों!
उसकी उम्मीद में,आज बिगाड़ते क्यों?
सोचा था,रिटायरमेंट के बाद
खूब घूमूंगा,खाली बैठ कर आराम करूंगा।
सब कामों से छुट्टी हो जायेगी तो
अब दिन भर चादर तान के सोऊंगा।
पर आज रिटायरमेंट के बाद जाना
जिंदगी तो बस तभी जी ली थी।
एक सेट रूटीन था,भागम भाग थी
पर कहीं उदासी तो बिल्कुल नहीं थी।
अब ये खाली वक्त कटता नहीं
कितना सोऊं,खाऊं और मौज करूं?
हाथ पर हाथ धर के बैठकर थक गया हूं मैं
कोई तो बताओ,अब मैं क्या करूं?
रिटायरमेंट जॉब से मिला है,जिंदगी से नहीं,
जब तक सांस चले,तब तक बिजी काहे नहीं?
गर अगर भूख ठीक लगती है,नींद आती है,
हाथ पैर चलते हैं तो काम क्यों नहीं?
काम बदलो पर काम रोक दो,ये ठीक नहीं,
काम के बिना,तुम्हारा यहां अस्तित्व नहीं।
उसका स्वरूप बदल सकता है पर" ये बिलकुल नहीं",
जो ये करता है, पछताता है,सुन लो तुम सभी।
रिटायरमेंट के बाद भी जो जिंदगी तुम चाहते हो
अपने जिम्मे,कुछ मनपसंद कामों को तुम चुन लो।
नियम बाध्य,अनुशासित जिंदगी में जो मजा है यारों!
वो चुप्पी,उदासी,अकेलेपन से जूझने में कहां है प्यारों!