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Kumar Kishan

Abstract

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Kumar Kishan

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रिश्ते

रिश्ते

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रिश्तों की इस समंदर में

सब डूब तैर रहे हैं

एक-दूसरे की बाहें थामे

रिश्ते निभा रहे हैं।


ये रिशतें जो प्रेम बन्धन

में सबकों बांधे हुए हैं

जमाने की भागदौड़ और

थकावट से दूर

सुकून दिला रहे हैं।


रिश्तों में कड़वाहट हो तो

बेशक, भुलानी चाहिए

कड़वाहट की घुट पीकर

एक मुस्कान बिखेरनी चाहिए।


सोचो, कुछ पल अगर रिश्तों

को जीवन से बेदखल किया जाए

तो कैसे जीवन को स्वर्ग सा

सुंदर बनाया जाए ?


इसलिए रिश्ता है तो

हम सब हैं और

रिश्तों के बिना यह जीवन

सुना-सुना सा है।


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