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Deepaben Shimpi

Romance

3  

Deepaben Shimpi

Romance

रिश्ते

रिश्ते

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वह मुलाकात आज भी याद है

वह बात आज भी याद है।

मिलन की वह शाम कितनी मधुर थी


जिंदगी आप के बिना कितनी अधुरी थी

ना कोई रिश्ता या नाता था

फिर मिलने को जी ललचाता था


मै भीग जाती थी उस सावन में

आपकी नजरें प्यार बरसाती थी

रोम रोम पुलकित हो उठता था


आंखों से प्यार आंसु बन छलकता था।

उस दर्पण में भी आपका चेहरा दिखाई देता था

दीपान्जली वह अनकहे रिश्ते को क्या नाम देना था।


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