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Sonam Kewat

Abstract

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Sonam Kewat

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रिश्ते की तलाश

रिश्ते की तलाश

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बहुत कर लिया लोगों के लिए अब तक

अब थोड़ा खुद के लिए करो

लाख समझौते से अच्छा है कम से कम,

एक समझदार रिश्ते की तलाश करों।

जो समझ नहीं सकता जज्बातों को

वो क्या समझेगा हालातों को

रिश्तों में तो लगते अपने हैं सभी पर,

अपनेपन के दिखावें से डरो और

किसी में अपनेपन की तलाश करों।

उतार चढ़ाव सब है जिंदगी के

जो उलझनें है वो भी सुलझ जाएगी

विश्वास की बुनियाद कायम रखना

फिर रिश्तों में समझदारी आएगी

करने दो बुराई सामने वाले को पर

तुम किसी का भी बुरा ना करो।

रिश्तों में सच्चाई की तलाश करो।

चार दिन की जिंदगानी है ये,

फिर से आना होता है कहाँ।

छूट जाएगी ये दुनिया दारी,

पहचान रह जाएगी यहाँ।

खुद भी हंसते रहों और,

जिंदगी में खुशियाँ भी भरो।

किसी में अपनेपन की तलाश करों।



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