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Dhan Pati Singh Kushwaha

Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Inspirational

रहें हम सदा ही निडर

रहें हम सदा ही निडर

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जब जीवन अनिश्चितता का है सफर,

तो फिर न डरें रहें हम सदा ही निडर।


भयाक्रांत हैं हम जिस क्षण को सोचकर,

कल्पना दुख की सुख के पलों को रोककर।

डराने वाला यह पल तो आया ही नहीं मगर,

तो फिर न डरें रहें हम सदा ही निडर।

जब जीवन अनिश्चितता का है सफर,

तो फिर न डरें रहें हम सदा ही निडर।


जो लोग डर की कल्पना से रहे हैं डर,

जो मौत आने से पहले ही रहे हैं मर।

फिर क्यों न कल्पना हम बनें निडर,

तो फिर न डरें रहें हम सदा ही निडर।

जब जीवन अनिश्चितता का है सफर,

तो फिर न डरें रहें हम सदा ही निडर।


सोच शुभ रखें सदा शुभ कर्म करें सोचकर,

आंच नहीं सांच को तो स्वार्थ भाव रोककर। 

परमार्थ के पथिक बनें सन्मार्ग पर चलें निडर।

तो फिर न डरें रहें हम सदा ही निडर।

जब जीवन अनिश्चितता का है सफर,

तो फिर न डरें रहें हम सदा ही निडर।


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