रात सोचने का मौका देती है....
रात सोचने का मौका देती है....
रात की तनहाइयों में दिल ये बार बार सोचने पर मजबूर हो जाता है,
तेरे और मेरे प्यार की उम्र कितनी लंबी होगी ,
तुम पर और तुम्हारे प्यार पर तो हम को एतबार है,
ये बेवफा तकदीर हमारी हमको धोखा दे ना दे कहीं,
बहुत मुश्किल से संभाला है इस दिल को हमने,
तेरे कहने पर फिर प्यार की राहों पर चल दिये हम,
तेरा साथ हमको दो जहाँ से प्यारा लगने लगा है,
दिल जो फिर टूट गया तो ये जान भी निकल जायेगी,
तेरे भरोसे हम फिर से जीने लगें है मुस्कुराने लगे है,
अपने हर वादा हर कसम तेरे नाम कर दी है,
तेरे लिए फिर से सजने सँवरने की तमन्ना जगने लगी है,
ये दिल न टूट जाये ये ख्वाहिशें ना बिखर जाए डर लगने लगा है,
जब भी होते है तन्हा रात की गहराइयों में ये ख्याल सताने लगे है,
प्यार का अंजाम क्या होगा ये तो कोई नहीं जानता,
जाने क्यों रात के सन्नाटों में हम इन बेकार की सोचो में डूब जाते है,
जाने क्यों रात के सन्नाटों से अब डर सा लगने लगा है ।