राष्ट्ररक्षकों का आभार
राष्ट्ररक्षकों का आभार
राष्ट्ररक्षकों ! हम आभारी आप सभी के, आभार कृपा कर-कर लेना स्वीकार,
तुम सब निज कर्त्तव्य निभाते निर्भय,तभी मिल रहा हमें सुरक्षा का अधिकार।
राष्ट्ररक्षकों! ईश्वर का साकार रूप तुम, उसे देख न पाएं जो है निराकार,
तब सेवा अमूल्य है साथी जिसमें, सांसों को होती ऑक्सीजन की दरकार।
सदा हैं नायक चिकित्सा-सुरक्षा-पानी-स्वच्छता, चतुर्थ स्तंभ के सच्चे सब पत्रकार हैं,
ऐसी कई कड़ियॉऺ है सामाजिक श्रृंखला की, अन्नदाता किसान संग आप सब आधार हैं।
भ्रमित और कुछ अज्ञानी साथी हमारे ,कई त्रुटियॉऺ कुछ कर भी देते हैैं अनेक ही बार,
'रहेंगे घर पर ही' परास्त करने को" कोरोना", हर भारतीय का है ये संकल्प दृढ़ विचार।
निज जीवन का लेकर जोखिम, हमें सुरक्षा देने का हम करते हैं आभार,
उस स्तर के मिल नहीं शब्द रहे पर,मगर दया कर प्रभु कर लेना स्वीकार।