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J P Raghuwanshi

Inspirational

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J P Raghuwanshi

Inspirational

राष्ट्रप्रेम

राष्ट्रप्रेम

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आओं बेटो तुम्हें सुनायें,

वीर सपूतों की गाथाएं।

जिनके आगें न टिक पाई,

पर्वत जैसी बाधाएं।


मंगल पाण्डे, भगतसिंह ने,

दुश्मन को ललकारा था।

दन-दन-दन बंदूक चलाकर,

बदला सारा नजारा था।


लौह पुरुष ने राष्ट्रवाद के,

सपनो को साकार किया।

सारी रियासतों को उसने,

भारतवर्ष में विलय किया।


राष्ट्र-प्रेम की बलि वेदी पर,

कितनों ने बलिदान दिया।

सीमा पर दुश्मन को रोका,

झण्डा अपना गड़ा दिया।


लाल-बाल और पाल ने देखों,

अपना पौरुष दिखा दिया।

देश हमारा सर्वप्रथम है,

अंग्रेजों को दिखा दिया।।


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