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Sunil Gupta teacher

Inspirational Others

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Sunil Gupta teacher

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राष्ट्रप्रेम गीत (30)

राष्ट्रप्रेम गीत (30)

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भारत की संतान सभी हम,

मां हमें जान से प्यारी है।  

आंख उठाये जो भी मां पर,

फेरूँ गर्दन आरी है।।  


मां के लिए हम, जीते मरते,

मां हम ,आंख की तारी है। 

मां ही मां हम, रटते रहते,

मां हर सांस, पुकारी है।।


मेरी माता, सबसे सुंदर ,

वो ही सबसे, न्यारी है।

धोखे से मुझे, आह निकल गई,

आये उसे, तिजारी है।।  


सारे जग में, त्राहि मची रहे ,

राजा प्रजा, दुखारी है ।

मेरी मां, मंगल ही करती,

करती, मंगलवारी है।।  


अपनी धरा को, मां हम कहते,

मां आंचल, हम डारी है।

हमारे होते, आंच न आये,

कोटिक जनम, मां बारी है ।।


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