राष्ट्रप्रेम गीत (28)
राष्ट्रप्रेम गीत (28)
हम तो मर जाएंगे, पर मार जाएंगे।
माता भारती का नाम, हम कर जाएंगे।। भूल में रहना तुम न, दुश्मनों मेरे ।
याद नानी तुम्हें हम, दिला जाएंगे।।
सर पे बांधे कफन, हम तो घूम ही रहे। सोच के पग बढ़ाना, मेरी धरा पर।।
जो पांव अब तुम्हारा, आगे बढ़ा।
वो पांव में उखाड़ूँ, न वो पग रहे।।
मेरी माता मुझे, जान से प्यारी है ।
उस पे कुर्बान जाऊं मैं, कोटिक जनम।। हर जनम में, मैं मां का सिपाही बनूँ ।
धन्य हो यूं मैं, भारत में ले के जनम।।
आंख जिसने उठाई, मेरी मात पर।
उसकी आंखें सलामत, न रह पाएंगी।। उसकी आंखों की तुम, बात ही छोड़ दो।
पीढ़ियां आने वाली, न देख पाएंगी।।
